जूते खरीद रहे हैं? यह GST का नियम आपको बचा सकता है सैकड़ों रुपये

जब भी आप जूते खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले आपकी नज़र उसके डिज़ाइन, आराम और ब्रांड नाम पर जाती है। कीमत भी बहुत मायने रखती है। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपकी बिल में लगने वाला GST (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) आपके खर्च को कितना प्रभावित करता है?

अक्सर हम GST को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन जूतों पर लागू एक खास नियम ऐसा है, जिसे समझकर आप सैकड़ों रुपये बचा सकते हैं।

जानकर हैरानी होगी कि अगर आप ₹2500 कीमत वाले जूते खरीदते हैं तो आपको सिर्फ 5% GST देना होगा। लेकिन अगर वही जूते ₹2501 के हैं, तो अचानक ही 18% GST देना पड़ेगा।
यानि केवल 1 रुपये का फर्क आपकी जेब से सैकड़ों रुपये ज़्यादा निकलवा सकता है।

जूते खरीद रहे हैं? यह GST का नियम आपको बचा सकता है सैकड़ों रुपये

GST क्या है?

GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स भारत का एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है, जिसे 2017 में लागू किया गया था। पहले एक्साइज ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स जैसे कई अलग-अलग टैक्स लगते थे। GST ने उन्हें मिलाकर एक सरल व्यवस्था बनाई।

GST को अलग-अलग स्लैब्स में बांटा गया है:

  • 5% स्लैब – ज़रूरी और आम उपभोक्ता वस्तुएँ

  • 18% स्लैब – सामान्य और ब्रांडेड वस्तुएँ

  • 40% स्लैब – लक्ज़री और हानिकारक वस्तुएँ (जैसे तंबाकू)

जूते भी इन्हीं स्लैब्स में आते हैं।


जूतों पर नया GST नियम

GST काउंसिल ने हाल ही में जूतों पर टैक्स दर में बदलाव किया है। पहले अधिकांश फुटवियर पर 12% टैक्स लगता था। अब नए नियम के अनुसार:

  • ₹2500 तक की कीमत वाले जूते – केवल 5% GST

  • ₹2500 से ऊपर कीमत वाले जूते – सीधा 18% GST

यानि यहाँ ₹2500 एक बहुत महत्वपूर्ण सीमा है।


₹2500 क्यों है "मैजिक नंबर"?

मान लीजिए आपके सामने दो विकल्प हैं:

  • जूते की कीमत = ₹2500

    • बेस प्राइस = ₹2500

    • GST @ 5% = ₹125

    • कुल कीमत = ₹2625

  • जूते की कीमत = ₹2501

    • बेस प्राइस = ₹2501

    • GST @ 18% = ₹450.18

    • कुल कीमत ≈ ₹2951

सिर्फ ₹1 की बेस कीमत का फर्क, लेकिन फाइनल बिल में करीब ₹326 का फर्क!

यही कारण है कि यह नियम उपभोक्ताओं के लिए जानना बेहद ज़रूरी है।


किसे होगा फायदा?

1. भारतीय ब्रांड्स

ज़्यादातर भारतीय कंपनियाँ अपने जूतों की कीमत ₹2500 से नीचे ही रखती हैं। अब उन पर सिर्फ 5% GST लगेगा, जिससे वे और सस्ते हो जाएँगे।

2. साधारण उपभोक्ता

अगर आप आमतौर पर ₹2000–2500 तक के जूते खरीदते हैं, तो यह नियम आपकी जेब हल्की होने से बचाएगा।

3. युवा उद्यमी

लेदर और फुटवियर सेक्टर में बहुत से छोटे व्यापारी हैं। कच्चे माल पर घटे हुए GST से उनकी लागत कम होगी और उन्हें मार्केट में टिकना आसान होगा।


किसे होगा नुकसान?

1. इंपोर्टेड और ब्रांडेड जूते

Nike, Adidas, Puma जैसे बड़े ब्रांड प्रायः ₹2500 से ऊपर कीमत के होते हैं। इन पर 18% GST लगेगा, इसलिए ग्राहकों को राहत नहीं मिलेगी।

2. हाई-एंड ग्राहक

जो लोग ₹4000–6000 या उससे महंगे जूते खरीदते हैं, उनके लिए यह नियम ज़्यादा मायने नहीं रखता।

3. रिटेलर्स

दुकानदारों के लिए यह नियम जटिलता लाता है। उन्हें अलग-अलग प्राइस पॉइंट बनाए रखने पड़ेंगे ताकि कुछ जूते 5% स्लैब में रहें और बाकी 18% में।


कच्चे माल पर GST में राहत

सरकार ने सिर्फ जूतों पर ही नहीं बल्कि उनसे जुड़े कच्चे माल पर भी टैक्स घटाया है।

  • 12% से घटाकर 5% किया गया है:

    • शैम्वा लेदर (Chamois leather)

    • कंपोज़िशन लेदर (लेदर फाइबर से बनी सामग्री)

    • टैनिंग के बाद तैयार लेदर

  • लेदर से जुड़ी जॉब वर्क – 12% से घटाकर 5%

इससे उत्पादन लागत कम होगी और लंबे समय में उपभोक्ताओं को फायदा पहुँचेगा।


सरकार ने ऐसा क्यों किया?

फुटवियर उद्योग भारत में रोज़गार देने वाला बड़ा क्षेत्र है। लेकिन विदेशी ब्रांड्स से मुकाबला करना छोटे निर्माताओं के लिए मुश्किल था। सरकार की मंशा है:

  1. मेड इन इंडिया को बढ़ावा देना

  2. नए रोज़गार पैदा करना

  3. उपभोक्ताओं के लिए जूते सस्ते करना

  4. टैक्स ढाँचे को सरल बनाना


उपभोक्ताओं के लिए टिप्स

  1. हमेशा कीमत चेक करें – अगर जूते ₹2501 या उससे ज़्यादा के हैं, तो कोशिश करें डिस्काउंट से कीमत ₹2500 या नीचे लाने की।

  2. भारतीय ब्रांड्स पर ध्यान दें – अब वे किफ़ायती और बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं।

  3. बिल ज़रूर लें – उसमें GST की दर साफ लिखी होती है।

  4. MRP को समझें – याद रखें, MRP में GST शामिल होता है।


आलोचना भी हुई

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियम “क्लिफ इफेक्ट” पैदा करता है – यानि छोटी सी कीमत का फर्क बहुत बड़ा टैक्स अंतर बना देता है। इससे कभी-कभी उपभोक्ताओं को असमान अनुभव होता है।


भविष्य में क्या होगा?

उद्योग जगत की माँग है कि ₹2500 की सीमा बढ़ाई जाए ताकि और लोग 5% GST का लाभ ले सकें। आने वाले समय में सरकार इसमें बदलाव कर सकती है।


निष्कर्ष

जूते सिर्फ ज़रूरत नहीं, फैशन और आराम का भी हिस्सा हैं। लेकिन अब उन्हें खरीदते समय GST की यह छोटी-सी जानकारी आपके पैसे बचा सकती है।

याद रखिए – ₹2500 ही मैजिक नंबर है।

  • ₹2500 या उससे कम = सिर्फ 5% GST

  • ₹2501 या उससे अधिक = पूरा 18% GST

तो अगली बार जब आप जूते खरीदने जाएँ, बिल चुकाने से पहले ज़रूर यह ध्यान रखें। कौन जानता, यह जानकारी आपकी जेब में सैकड़ों रुपये बचा दे!

Comments

Popular posts from this blog

Aman Shrivas Sets New Standard in EdTech with Dream Mission: India's First Ethical Skill-Based Platform

Sobia Nabi: Champion of Public Speaking, Gender Equality, and Student Leadership in India

RBI Rule: Can Your Account Go Into Minus for Not Maintaining Minimum Balance? Know What RBI Says