इस त्योहारी सीजन में वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के 5 आसान उपाय: अपने पैसे को सुरक्षित रखें
भारत में त्योहारी सीजन खुशियों, उत्सव और उदारता का समय होता है। दीपावली, दशहरा और अन्य त्यौहारों के दौरान लोग शॉपिंग करते हैं, गिफ्ट देते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ खास पल बिताते हैं। इस समय ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल, डिजिटल वॉलेट, यूपीआई ट्रांसफर और क्रेडिट कार्ड का उपयोग काफी बढ़ जाता है।
लेकिन इस खुशियों के साथ एक बढ़ता हुआ खतरा भी है—वित्तीय धोखाधड़ी।
जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन लेनदेन बढ़ाते हैं, धोखेबाजों ने नए तरीके खोज लिए हैं ताकि वे उत्साही ग्राहकों का फायदा उठा सकें। त्योहारी डिस्काउंट के नाम पर फिशिंग लिंक, नकली शॉपिंग वेबसाइट, धोखाधड़ी वाले लोन ऑफर और ओटीपी आधारित स्कैम इसके कुछ आम उदाहरण हैं।
Tarun Wig, Co-founder और CEO, Innefu Labs कहते हैं, “धोखेबाज उपभोक्ता की उत्सुकता, अधिक खर्च और ऑनलाइन डील्स की जल्दी का फायदा उठाते हैं।”
समस्या यह है कि ये स्कैम अब पहले जैसे आसानी से पहचान में नहीं आते। पहले स्कैम अक्सर खराब लिखी गई ईमेल या संदिग्ध ऑफर के रूप में होते थे, जिन्हें पहचानना आसान था। आजकल कई स्कैम अत्यधिक परिष्कृत हैं, अक्सर AI-generated content और जटिल सामाजिक इंजीनियरिंग तकनीक का उपयोग करके वैध लगते हैं।
और केवल एक गलत क्लिक आपकी वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
तो, आप त्योहारी सीजन का आनंद लेते हुए खुद को धोखाधड़ी से कैसे बचा सकते हैं? अच्छी खबर यह है कि खुद को सुरक्षित रखना जटिल तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं है—बस कुछ स्मार्ट और आसान आदतें अपनाएं।
1) ट्रांजेक्शन अलर्ट और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें
सबसे सरल और प्रभावी तरीका है ट्रांजेक्शन अलर्ट और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्रिय करना।
ट्रांजेक्शन अलर्ट आपके फोन या ईमेल पर भेजे जाते हैं जब भी आपके खाते में कोई पेमेंट, विड्रॉल या ट्रांसफर होता है। ये रियल-टाइम नोटिफिकेशन आपको तुरंत अनधिकृत गतिविधि का पता लगाने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई आपके क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके बिना आपकी अनुमति के खरीदारी करता है, तो आप तुरंत सूचित होंगे और कार्रवाई कर सकते हैं।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ता है। इसके तहत, पासवर्ड दर्ज करने के अलावा, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर भेजा गया वन-टाइम पासवर्ड (OTP) या वेरिफिकेशन कोड भी डालना होता है।
Pro Tip: ज्यादातर बैंक और डिजिटल वॉलेट पहले से ही यह सुविधा देते हैं, लेकिन त्योहारी सीजन से पहले सुनिश्चित करना हमेशा अच्छा होता है।
2) शॉपिंग साइट्स और पेमेंट लिंक की प्रामाणिकता की जांच करें
त्योहारी सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग डील्स बहुत आकर्षक लगती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि सभी डील्स वास्तविक नहीं होतीं।
धोखेबाज नकली वेबसाइट बना सकते हैं या पेमेंट लिंक भेज सकते हैं। किसी भी खरीदारी से पहले ये जाँचें:
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URL में “https://” है या नहीं—यह सुरक्षित साइट का संकेत है।
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डोमेन नाम सही है या नहीं, क्योंकि स्कैमर्स अक्सर प्रसिद्ध ब्रांड के नाम के समान नाम बनाते हैं।
उदाहरण: “amaz0n.com” बजाय “amazon.com”। -
भरोसेमंद प्लेटफॉर्म और विक्रेता चुनें।
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अगर डील बहुत आकर्षक लगे, तो यह शायद फर्जी हो।
SMS, WhatsApp या ईमेल के माध्यम से भेजे गए पेमेंट लिंक हमेशा सतर्कता से खोलें।
उदाहरण: पिछली दीपावली पर कई शॉपर्स को SMS मिला जिसमें 50% डिस्काउंट का दावा किया गया। लिंक पर क्लिक करने पर नकली वेबसाइट खुली और उनके कार्ड डिटेल्स चोरी हो गए।
3) अनचाहे लिंक पर क्लिक करने से बचें
धोखेबाज सबसे आम तरीका उपयोग करते हैं दोषपूर्ण या गलत लिंक भेजकर। SMS, WhatsApp या ईमेल में भेजे गए ये लिंक फिशिंग वेबसाइट खोल सकते हैं या आपके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं।
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अज्ञात स्रोत से आने वाले लिंक पर कभी क्लिक न करें।
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"आपका खाता ब्लॉक हो जाएगा अगर आप लिंक पर क्लिक नहीं करते" जैसी चेतावनी पर विश्वास न करें।
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ऑफ़र को आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर जाकर ही वेरिफाई करें।
Pro Tip: अपने फोन पर एंटीवायरस या एंटी-मैलवेयर ऐप इंस्टॉल करें और ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स अपडेट रखें।
4) संवेदनशील जानकारी कभी साझा न करें
कोई भी वैध बैंक या डिजिटल वॉलेट कभी भी आपसे OTP, CVV, पासवर्ड या PIN फोन, SMS या ईमेल के माध्यम से नहीं पूछेगा।
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OTP, PIN और पासवर्ड को निजी कुंजी की तरह रखें।
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बैंक या सेवा प्रदाता का फोन आने पर संदेह करें, विशेषकर अगर वे तुरंत जानकारी मांग रहे हों।
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शक होने पर कॉल काटकर बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन से संपर्क करें।
धोखेबाज अक्सर सामाजिक इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके लोगों से संवेदनशील जानकारी निकालते हैं। याद रखें: एक गलत जानकारी साझा करना ही पर्याप्त है नुकसान होने के लिए।
5) बैंक स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करें और संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट करें
सावधानी के बावजूद, यह जरूरी है कि आप बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट की नियमित निगरानी करें।
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छोटे, अनजान डेबिट की जांच करें क्योंकि धोखेबाज पहले छोटी राशि ट्रांसफर करके जांच करते हैं।
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हर दिन या सप्ताह में एक बार सभी खातों की समीक्षा करें।
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किसी भी संदिग्ध लेनदेन को तुरंत बैंक या वॉलेट प्रदाता को रिपोर्ट करें।
Pro Tip: कुछ बैंक ऐप्स डैशबोर्ड में असामान्य गतिविधियों को हाइलाइट करते हैं, जिससे निगरानी आसान हो जाती है।
अतिरिक्त सुझाव
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मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
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पब्लिक Wi-Fi पर वित्तीय लेनदेन से बचें।
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परिवार के सदस्यों को जागरूक करें।
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डिवाइस सुरक्षा सक्रिय करें।
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सोशल मीडिया प्रमोशन में सतर्क रहें।
डिजिटल जागरूकता की भूमिका
भारत में डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहे हैं। सुविधा के साथ, यह धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ाता है। इसलिए डिजिटल जागरूकता उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना डिजिटल अपनाना।
त्योहारी सीजन में सतर्क रहना डरने की बात नहीं है, बल्कि सुरक्षित आदतें अपनाने की बात है।
निष्कर्ष: सुरक्षित तरीके से जश्न मनाएं और समझदारी से खर्च करें
त्योहारी सीजन का आनंद खुशियों, परिवार और उपहार देने में है। लेकिन ऑनलाइन लेनदेन बढ़ने से धोखेबाज सक्रिय हो जाते हैं। जागरूकता, सतर्कता और सरल सुरक्षा आदतें आपकी सबसे बड़ी रक्षा हैं।
5 मुख्य उपाय याद रखें:
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ट्रांजेक्शन अलर्ट और 2FA सक्रिय करें।
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शॉपिंग साइट्स और पेमेंट लिंक की प्रामाणिकता जांचें।
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अनचाहे लिंक पर क्लिक न करें।
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OTP या CVV जैसी संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
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खाते नियमित रूप से जांचें और संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट करें।
इन आदतों को अपनाकर आप अपने पैसों को सुरक्षित रखते हुए त्योहारी खुशी का आनंद ले सकते हैं। “सतर्क रहें, जागरूक रहें और सुरक्षित रहें।”
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