टैक्स में मिलेगी मोटी छूट! अपनाएं ये 5 स्मार्ट तरीके और बचाएं हजारों रुपये | Income Tax Saving Guide 2025
भारत में हर साल करोड़ों लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं। जुलाई आते ही टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है। 2025 में भी टैक्स भरने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तय की गई है। लेकिन ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के लिए जरूरी जानकारी के बिना जल्दबाजी में गलतियां कर बैठते हैं।
अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स में नहीं गंवाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। हम आपको बताएंगे इनकम टैक्स में मोटी छूट पाने के पांच कानूनी और प्रभावी तरीके, जो आपकी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
🔹 1. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट (Section 80D)
✅ क्या है छूट?
सेक्शन 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
स्थिति | अधिकतम टैक्स छूट |
---|---|
आप और आपका परिवार (उम्र < 60 वर्ष) | ₹25,000 |
माता-पिता (उम्र < 60 वर्ष) | ₹25,000 अतिरिक्त |
माता-पिता (उम्र ≥ 60 वर्ष) | ₹50,000 |
सीनियर सिटीजन माता-पिता के मेडिकल खर्च | ₹50,000 |
प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप | ₹5,000 (80D लिमिट में शामिल) |
📌 उदाहरण:
यदि आपने अपने परिवार के लिए ₹20,000 और अपने 65 वर्षीय पिताजी के लिए ₹40,000 का प्रीमियम चुकाया है, तो आप कुल ₹60,000 तक की टैक्स छूट ले सकते हैं।
🔹 2. ईपीएफ (EPF) में निवेश पर टैक्स डिडक्शन (Section 80C)
✅ EPF क्या है?
ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसमें आपकी सैलरी से एक हिस्सा हर महीने काटा जाता है और कंपनी भी समान राशि जमा करती है।
✅ टैक्स छूट कैसे मिलेगी?
आप EPF में अपनी ओर से किए गए योगदान पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं।
⚠️ ध्यान दें:
अगर EPF+VPF में कुल योगदान एक साल में ₹2.5 लाख से ज्यादा हो जाता है, तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल हो जाता है।
🔹 3. पीपीएफ (PPF) और टैक्स सेविंग FD पर छूट (Section 80C)
✅ PPF क्या है?
PPF (Public Provident Fund) एक सरकारी सेविंग स्कीम है जिसमें निवेश पर आपको ब्याज और टैक्स छूट दोनों मिलते हैं।
✅ टैक्स लाभ:
-
PPF में निवेश पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट।
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टैक्स सेविंग FD (5 साल की लॉक-इन अवधि) में निवेश पर भी वही छूट लागू।
💡 कौन सा बेहतर है?
स्कीम | ब्याज दर | रिस्क | टैक्स लाभ |
---|---|---|---|
PPF | ~7.1% | बहुत कम | EEE (पूरी तरह टैक्स फ्री) |
FD | ~6-7% | कम | ब्याज टैक्सेबल होता है |
🔹 4. ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश (Section 80C)
✅ ELSS क्या है?
ELSS (Equity Linked Savings Scheme) टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड होते हैं जिनका लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल होता है।
✅ क्यों चुनें ELSS?
-
टैक्स छूट: ₹1.5 लाख तक (80C के तहत)
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रिटर्न: लंबी अवधि में ~12-15% तक (अनुमानित)
-
सबसे कम लॉक-इन: सिर्फ 3 साल
⚠️ रिस्क फैक्टर:
ELSS शेयर बाजार से जुड़ा है, इसलिए इसमें मार्केट रिस्क भी होता है। लेकिन यह लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकता है।
🔹 5. सेविंग अकाउंट के ब्याज पर टैक्स छूट (Section 80TTA और 80TTB)
✅ सेक्शन 80TTA (60 वर्ष से कम)
-
आप अपने सेविंग बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर ₹10,000 तक की टैक्स छूट पा सकते हैं।
✅ सेक्शन 80TTB (60 वर्ष से ऊपर)
-
सीनियर सिटीजन्स को FD, RD, सेविंग अकाउंट आदि पर मिलने वाले ब्याज पर ₹50,000 तक की छूट मिलती है।
📌 उदाहरण:
अगर एक 65 वर्षीय व्यक्ति को FD पर ₹48,000 ब्याज मिलता है, तो पूरा ब्याज टैक्स फ्री रहेगा।
💼 अतिरिक्त सुझाव: इनकम टैक्स में और कैसे बचा सकते हैं?
तरीका | टैक्स सेक्शन | अधिकतम छूट |
---|---|---|
होम लोन के ब्याज पर | 24(b) | ₹2 लाख |
होम लोन के प्रिंसिपल पर | 80C | ₹1.5 लाख |
शिक्षा ऋण का ब्याज | 80E | कोई ऊपरी सीमा नहीं |
दान पर | 80G | 50% या 100% तक |
NPS में निवेश | 80CCD(1B) | ₹50,000 |
📆 ITR भरने की सही रणनीति
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जल्दबाजी न करें, लेकिन आखिरी तारीख तक भी न टालें।
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सही दस्तावेज़ पहले से रखें: फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश रसीदें, पैन कार्ड।
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पुराने और नए टैक्स रिजीम की तुलना करें। पुरानी रिजीम में छूट ज्यादा होती है, जबकि नई रिजीम में टैक्स दरें कम हैं लेकिन छूट नहीं मिलती।
✅ निष्कर्ष: समझदारी से भरें टैक्स और बचाएं हजारों
इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए कोई जादू नहीं है, बस थोड़ी सी समझदारी और जानकारी जरूरी है। ऊपर बताए गए 5 तरीके न सिर्फ आपके टैक्स को कम करते हैं, बल्कि आपकी बचत और निवेश की आदत को भी मजबूत बनाते हैं।
आज ही:
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हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें
-
EPF, PPF, ELSS में निवेश करें
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सेविंग अकाउंट की ब्याज राशि नोट करें
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डिडक्शन क्लेम के लिए सभी दस्तावेज़ तैयार रखें
याद रखें, टैक्स सेविंग सिर्फ बचत नहीं, समझदारी की पहचान है।
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