CIBIL Score: बार-बार लोन के लिए आवेदन करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है बड़ा असर, जानिए जरूरी नियम

आज की दुनिया में आर्थिक ज़रूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, शादी, बिज़नेस या घर खरीदने के लिए लोगों को अक्सर बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन लेना पड़ता है। लेकिन लोन लेने से पहले एक चीज़ सबसे अहम होती है – CIBIL स्कोर

यदि आप बार-बार लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो यह आदत आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित कर सकती है। यह स्कोर आपके फाइनेंशियल व्यवहार को दर्शाता है और इसी के आधार पर बैंक यह तय करते हैं कि आपको लोन देना है या नहीं।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि CIBIL स्कोर क्या होता है, यह कैसे काम करता है, बार-बार लोन अप्लाई करने से इस पर क्या असर पड़ता है और आप कैसे अपने स्कोर को बचा सकते हैं।


🔍 CIBIL स्कोर क्या होता है?

CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपके क्रेडिट इतिहास को दर्शाता है। इसे 300 से 900 के बीच रेट किया जाता है।

  • 800+ : बेहतरीन स्कोर (लोन आसानी से मिलेगा)

  • 750 – 800 : अच्छा स्कोर (ब्याज दर कम मिल सकती है)

  • 650 – 750 : औसत स्कोर (लोन मिल सकता है पर ब्याज ज्यादा हो सकता है)

  • 600 से कम : खराब स्कोर (लोन मिलने की संभावना बेहद कम)

CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) एक क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को रिकॉर्ड करती है और उसी आधार पर यह स्कोर तैयार करती है।


🏦 लोन के लिए बार-बार आवेदन क्यों करते हैं लोग?

  • बेहतर ब्याज दर की तलाश

  • अलग-अलग बैंकों से शर्तें समझने की कोशिश

  • लोन जल्दी पास कराने की इच्छा

  • किसी एक बैंक से रिजेक्ट होने के बाद विकल्प ढूंढना

हालांकि यह समझदारी लग सकती है, लेकिन बार-बार लोन के लिए आवेदन करने का एक गंभीर असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ सकता है।


⚠️ CIBIL स्कोर पर क्या असर होता है?

जब भी आप किसी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपका क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry) करते हैं।

यदि आपने थोड़े समय में बार-बार लोन के लिए आवेदन किया है, तो कई हार्ड इंक्वायरी रिकॉर्ड हो जाती हैं, जिससे लेंडर को लगता है कि आप फाइनेंशियल रूप से कमजोर हैं या बार-बार लोन की जरूरत पड़ रही है।

➤ इसके नतीजे:

  • स्कोर में गिरावट: बार-बार की गई हार्ड इंक्वायरी से आपका स्कोर 10–20 अंक तक गिर सकता है।

  • लोन रिजेक्शन की संभावना बढ़ती है

  • ब्याज दर ज्यादा मिल सकती है

  • बैंक आपके व्यवहार को रिस्की मान सकते हैं


📉 कैसे आती है CIBIL स्कोर में गिरावट?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब आप बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं:

  1. हर बार हार्ड इंक्वायरी होती है
    हर बार जब कोई बैंक आपका स्कोर चेक करता है, वह हार्ड इंक्वायरी के रूप में दर्ज होता है।

  2. इनक्वायरी का ट्रैक रिकॉर्ड बनता है
    CIBIL रिपोर्ट में यह दिखने लगता है कि आपने बहुत ज्यादा बार आवेदन किया है।

  3. लेंडर की नजर में आप 'उधारी पर निर्भर' लगते हैं
    इससे लेंडर को लगता है कि आप वित्तीय तनाव में हैं और लगातार लोन पर निर्भर कर रहे हैं।


🧠 लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले रखें यह बातें ध्यान में

जरूरत हो तभी आवेदन करें

सोच-समझकर ही लोन के लिए अप्लाई करें। केवल ऑफर या लिमिट बढ़ाने के लालच में आवेदन न करें।

बैंक ऑफर्स की तुलना एक साथ करें, अप्लाई बार-बार न करें

कई वेबसाइट्स या फिनटेक प्लेटफॉर्म ऐसे होते हैं जो आपको बिना हार्ड इंक्वायरी के ही लोन की संभावनाएं दिखाते हैं।

क्रेडिट स्कोर की नियमित जांच करें (Soft Inquiry)

आप खुद से, बिना लोन अप्लाई किए, अपनी CIBIL रिपोर्ट देख सकते हैं। इसे सॉफ्ट इंक्वायरी (Soft Inquiry) कहते हैं और इसका आपके स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता।


🔍 Soft Inquiry बनाम Hard Inquiry

पॉइंट हार्ड इंक्वायरी सॉफ्ट इंक्वायरी
कौन करता है? बैंक या लेंडर खुद कंज़्यूमर
कब होती है? लोन/क्रेडिट कार्ड के आवेदन पर स्कोर चेक करने पर
स्कोर पर असर? हां, नकारात्मक असर नहीं, कोई असर नहीं
रिपोर्ट में दिखती है? हां नहीं

💡 कैसे बचें CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव से?

1. समझदारी से लोन लें

हर छोटी जरूरत के लिए लोन लेने की आदत न डालें। अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करें।

2. क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करें

क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बार-बार एक्सीड न करें और समय पर भुगतान करें।

3. एक ही लोन के लिए बार-बार अप्लाई न करें

एक साथ 4–5 बैंकों में आवेदन करने से बचें।

4. अपनी EMI समय पर भरें

डिफॉल्ट या लेट पेमेंट से आपका स्कोर बहुत जल्दी गिरता है।

5. फिनटेक या भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से स्कोर चेक करें

आप बिना हार्ड इंक्वायरी के भी स्कोर चेक कर सकते हैं, जैसे – CIBIL की वेबसाइट, Paisabazaar, Bankbazaar आदि।


📈 एक अच्छा CIBIL स्कोर क्यों जरूरी है?

फायदे विवरण
लोन अप्रूवल आसान कम डॉक्युमेंटेशन में भी लोन मिलता है
कम ब्याज दर अच्छा स्कोर मिलने पर सस्ती EMI
क्रेडिट कार्ड की लिमिट ज्यादा बैंक आप पर भरोसा करता है
जल्दी अप्रूवल बैंक समय नहीं लगाता जांच में

🤔 CIBIL स्कोर सुधारने के टिप्स

  • पहले से लिए गए लोन की EMI समय पर चुकाएं

  • क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ज्यादा खर्च न करें

  • जितने कम लोन हो, उतना बेहतर

  • बिना जरूरत कार्ड बंद न करें (पुराने कार्ड से स्कोर मजबूत होता है)

  • बार-बार आवेदन करने से बचें

  • सॉफ्ट इंक्वायरी के जरिए स्कोर पर नज़र रखें


🔚 निष्कर्ष

आज के समय में CIBIL स्कोर किसी भी व्यक्ति की आर्थिक साख का आईना बन चुका है। अगर आप अपने स्कोर को लेकर सतर्क नहीं हैं और बार-बार बिना सोच-समझ के लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो यह आदत आपके स्कोर को गिरा सकती है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में काफी परेशानी हो सकती है।

इसलिए जरूरी है कि फाइनेंशियल डिसीजन समझदारी से लें, जरूरत हो तभी लोन के लिए अप्लाई करें, सॉफ्ट इंक्वायरी का उपयोग करें और अपनी EMI समय पर भरें।


📌 महत्वपूर्ण सुझाव संक्षेप में:

  • बार-बार लोन अप्लाई करने से स्कोर गिरता है

  • हार्ड इंक्वायरी से बचें

  • सॉफ्ट इंक्वायरी से स्कोर चेक करें

  • EMI समय पर चुकाएं

  • अच्छे स्कोर से लोन आसानी से मिलता है


आपका स्कोर, आपकी फाइनेंशियल पहचान है – इसे संभालकर रखें।

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