आधार अपडेट अब स्कूलों में: UIDAI का मास्टर प्लान बच्चों के लिए – जानें पूरी खबर
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बड़ा और बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो देश के करोड़ों बच्चों और उनके अभिभावकों को सीधा लाभ पहुंचाने वाला है। अब 5 साल से ऊपर के बच्चों का आधार कार्ड बायोमेट्रिक अपडेट स्कूलों में ही किया जाएगा – वो भी आसान, सुरक्षित और सुलभ तरीके से। यह फैसला बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर दिलाने और उनके पहचान पत्र को पूरी तरह सक्रिय बनाए रखने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
UIDAI के अनुसार, देश में करीब 7 करोड़ बच्चों ने अब तक अपने बायोमेट्रिक्स अपडेट नहीं करवाए हैं। यह अपडेट 5 साल की उम्र के बाद अनिवार्य है। यदि यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं होती है, तो भविष्य में उनके आधार नंबर निष्क्रिय किए जा सकते हैं। इस लेख में हम आपको सरल भाषा में बताएंगे कि UIDAI का ये नया फैसला क्यों ज़रूरी है, इसका बच्चों और अभिभावकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और यह प्रक्रिया कैसे काम करेगी।
1. क्या है यह नया फैसला?
UIDAI अब स्कूलों के माध्यम से बच्चों के आधार कार्ड का बायोमेट्रिक अपडेट करने जा रहा है। इसका मतलब यह है कि बच्चों को अब आधार अपडेट के लिए आधार सेवा केंद्रों पर लंबी लाइन में लगने की ज़रूरत नहीं होगी।
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि यह सुविधा 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए शुरू की जा रही है। UIDAI इस तकनीक का अभी परीक्षण कर रहा है, और यह अगले 45 से 60 दिनों में देशभर में लागू कर दी जाएगी।
2. बायोमेट्रिक अपडेट क्या होता है?
आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा का मतलब है:
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फिंगरप्रिंट्स (उंगलियों के निशान)
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आईरिस स्कैन (आंखों की स्कैनिंग)
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फोटो (चेहरे की पहचान)
जब कोई बच्चा 5 साल की उम्र पार करता है, तब उसका शरीर बदलने लगता है और उसकी पहचान स्थिर होने लगती है। इसीलिए UIDAI 5 साल की उम्र के बाद बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य करता है। दूसरा अपडेट 15 साल की उम्र में होता है।
3. स्कूलों में कैसे होगा यह अपडेट?
UIDAI एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रहा है जिसमें बायोमेट्रिक अपडेट के लिए:
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स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी।
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ये मशीनें एक स्कूल से दूसरे स्कूल में घुमाई जाएंगी।
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बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति ली जाएगी।
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फिर बच्चों का बायोमेट्रिक डाटा स्कूल में ही अपडेट कर दिया जाएगा।
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यह प्रक्रिया नि:शुल्क होगी यदि बच्चे की उम्र 5 से 7 साल के बीच है।
यह योजना हर जिले में लागू की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी यह सेवा बिना परेशानी के मिल सके।
4. अगर बायोमेट्रिक अपडेट नहीं हुआ तो क्या होगा?
अगर किसी बच्चे का बायोमेट्रिक अपडेट 7 साल की उम्र तक नहीं किया गया, तो UIDAI नियमों के अनुसार:
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उसका आधार नंबर निष्क्रिय हो सकता है।
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उस आधार कार्ड से संबंधित सेवाएं अस्थायी रूप से बंद हो सकती हैं।
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उसे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कत हो सकती है।
यदि अपडेट 7 साल की उम्र के बाद किया जाता है, तो उस पर ₹100 का शुल्क देना होगा, जबकि 5 से 7 साल की उम्र में यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है।
5. यह अपडेट क्यों है ज़रूरी?
UIDAI का उद्देश्य है कि हर बच्चे को समय पर सभी सरकारी लाभ मिलें। इसके लिए उनका आधार कार्ड पूरी तरह अपडेट और सक्रिय रहना चाहिए।
बायोमेट्रिक अपडेट होने से:
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बच्चे का पहचान पत्र प्रमाणित और स्थिर हो जाता है।
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स्कूल प्रवेश, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सरकारी लाभों में दस्तावेज़ी बाधाएं नहीं आतीं।
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भविष्य में बैंक खाता खोलने, पासपोर्ट के लिए आवेदन, पैन कार्ड से लिंकिंग आदि प्रक्रियाएं आसान हो जाती हैं।
6. किन योजनाओं में काम आता है अपडेटेड आधार?
यदि बच्चे का आधार अपडेट है तो वे कई सेवाओं और योजनाओं का सीधे लाभ उठा सकते हैं, जैसे:
योजना / सेवा | लाभ |
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स्कूल में प्रवेश | दस्तावेज़ के रूप में उपयोग |
छात्रवृत्ति योजनाएं | सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर |
मिड डे मील योजना | रिकॉर्ड की पुष्टि के लिए |
स्वास्थ्य सेवाएं | पहचान पत्र के रूप में |
प्रतियोगी परीक्षा आवेदन | प्रमाण पत्र के रूप में |
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) | सरकारी राशि सीधे खाते में |
7. 15 साल की उम्र में क्या होता है?
UIDAI के अनुसार, जैसे ही बच्चा 15 साल का होता है, उसे फिर से एक बार बायोमेट्रिक अपडेट कराना ज़रूरी है। यह प्रक्रिया भी:
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स्कूलों और कॉलेजों के माध्यम से शुरू की जा रही है।
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इसमें बायोमेट्रिक जानकारी दोबारा एकत्र की जाती है ताकि बड़ी उम्र के हिसाब से डाटा फिर से सटीक रहे।
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इस बार का अपडेट भी आवश्यक है क्योंकि किशोर अवस्था में शरीर में कई बदलाव आते हैं।
8. अभिभावकों के लिए क्यों जरूरी है यह जानकारी?
अभिभावकों को यह समझना ज़रूरी है कि आधार कार्ड सिर्फ पहचान पत्र नहीं, बल्कि यह आज सभी सरकारी और डिजिटल सेवाओं की कुंजी बन चुका है। अगर वे समय रहते अपने बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराते:
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बच्चे को स्कूल में दाखिले या परीक्षा के फॉर्म भरने में दिक्कत हो सकती है।
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योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकता।
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आधार निष्क्रिय हो जाने पर फिर से सक्रिय कराने की प्रक्रिया लंबी और महंगी हो सकती है।
इसलिए, माता-पिता को स्कूल से जब भी इस संबंध में कोई सूचना मिले, तो तुरंत सहमति पत्र भरकर सहयोग देना चाहिए।
9. सरकार की भविष्य की योजना क्या है?
UIDAI इस योजना को जल्द ही देशभर के सभी जिलों में लागू करने जा रहा है। इसके तहत:
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बायोमेट्रिक मशीनों की खेप जिलों को भेजी जाएगी।
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ट्रेनिंग दी जाएगी कि स्कूल स्टाफ या ऑपरेटर कैसे इस प्रक्रिया को करें।
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पूरे देश में एक 統ित (standardized) प्रक्रिया लागू की जाएगी जिससे डेटा की सटीकता सुनिश्चित हो।
UIDAI का उद्देश्य है कि भारत का हर बच्चा डिजिटल रूप से सक्षम हो और पहचान के आधार पर कोई भी सरकारी लाभ लेने से वंचित न रह जाए।
10. निष्कर्ष: क्या करें अभिभावक?
UIDAI की यह पहल आने वाले समय में बच्चों के आधार अपडेट की प्रक्रिया को बेहद सरल और सुलभ बना देगी।
अभिभावकों को चाहिए कि:
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बच्चों की उम्र 5 साल पूरी होते ही आधार अपडेट की जानकारी स्कूल या आधार पोर्टल से लें।
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स्कूल की ओर से अगर आधार अपडेट के लिए कोई नोटिस आए, तो तुरंत सहमति दें।
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बच्चों के डॉक्यूमेंट तैयार रखें – जन्म प्रमाण पत्र, पुराना आधार कार्ड आदि।
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अगर 7 साल से ऊपर है और अपडेट नहीं हुआ है, तो नज़दीकी आधार केंद्र जाकर प्रक्रिया पूरी करें।
अंतिम शब्द:
आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान नहीं, बल्कि हर भारतीय नागरिक को डिजिटल रूप से जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। UIDAI का स्कूलों में बायोमेट्रिक अपडेट का फैसला करोड़ों बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होगा – यह समय की बचत, पैसे की बचत और सुविधा की शुरुआत है।
सरकार का यह कदम दर्शाता है कि अब भारत में डिजिटल व्यवस्थाएं लोगों के घर और स्कूल तक पहुंच रही हैं। अगर हम सब मिलकर इस योजना को सफल बनाएं, तो आने वाला समय हर भारतीय बच्चे के लिए और भी बेहतर, सुरक्षित और अवसरों से भरा होगा।
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