Loan Recovery Rule 2025: लोन नहीं भरने पर बैंक वाले कर रहे हैं परेशान? ग्राहक जान लें अपने 5 कानूनी अधिकार
आज के दौर में लोन लेना आम बात हो गई है। लोग शिक्षा, घर, व्यापार, वाहन या किसी आपात स्थिति में लोन का सहारा लेते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान भी ग्राहकों को लुभावने ऑफर्स के साथ लोन देने को तैयार रहते हैं। लेकिन लोन लेना जितना आसान लगता है, उसे चुकाना उतना ही ज़िम्मेदारी भरा होता है।
कभी-कभी किसी आर्थिक संकट या नौकरी जाने जैसी स्थिति में लोग लोन की EMI नहीं चुका पाते। ऐसे में बैंक रिकवरी प्रक्रिया शुरू करते हैं। कई बार रिकवरी एजेंट ग्राहकों को डराते, धमकाते या मानसिक उत्पीड़न तक करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि RBI ने ग्राहकों को इससे बचाने के लिए कुछ कड़े नियम बनाए हैं?
इस लेख में हम आपको बताएंगे Loan Recovery Rule 2025 के तहत ग्राहकों के 5 महत्वपूर्ण अधिकार, जो हर लोन लेने वाले को जानने चाहिए।
1. रिकवरी का समय तय है, कोई भी जब-तब परेशान नहीं कर सकता
अगर आपने लोन की किस्त नहीं चुकाई है, तो बैंक को हक है आपसे संपर्क करने का। लेकिन RBI ने इसके लिए समय तय किया है:
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बैंक या रिकवरी एजेंट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही कॉल कर सकते हैं या आपके घर आ सकते हैं।
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यदि कोई रिकवरी एजेंट इससे बाहर के समय में कॉल करता है या घर आता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
क्या करें:
ऐसी किसी भी कॉल या विजिट का रिकॉर्ड रखें और बैंक के ग्राहक सेवा विभाग में लिखित शिकायत दर्ज करें। अगर बैंक कार्रवाई नहीं करता, तो आप RBI और पुलिस दोनों से संपर्क कर सकते हैं।
2. डराने-धमकाने या बदसलूकी की इजाजत नहीं
कई बार देखा गया है कि बैंक के रिकवरी एजेंट गाली-गलौच करते हैं, डराते हैं या सामाजिक रूप से शर्मिंदा करने की कोशिश करते हैं। ये पूरी तरह गैरकानूनी है।
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ग्राहक की गरिमा का सम्मान करना बैंक और एजेंट की जिम्मेदारी है।
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कोई भी एजेंट अगर आपको धमकाता है, तो यह RBI के नियमों का उल्लंघन है।
क्या करें:
आप इसकी शिकायत सीधे बैंक में करें। यदि बैंक ध्यान नहीं देता, तो आप RBI Ombudsman के पास ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं या पुलिस FIR भी दर्ज करा सकते हैं।
3. आपकी जानकारी गोपनीय रखना बैंक की जिम्मेदारी है
कई बार रिकवरी एजेंट ग्राहक के दोस्तों, रिश्तेदारों या ऑफिस में फोन कर देते हैं ताकि उन्हें शर्मिंदा किया जा सके। यह एक गंभीर अपराध है।
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आपकी व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखना बैंक का दायित्व है।
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किसी तीसरे व्यक्ति को आपकी लोन स्थिति के बारे में जानकारी देना अवैध है।
क्या करें:
ऐसी हर हरकत का रिकॉर्ड रखें – कॉल रिकॉर्डिंग, व्हाट्सएप मैसेज, मेल आदि। इन सबूतों के साथ आप बैंक और पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
4. बैंक संपत्ति जब्त करने से पहले नोटिस देना होगा
अगर कोई ग्राहक लगातार 90 दिन तक EMI नहीं चुकाता है, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित करता है। लेकिन संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चरणबद्ध होती है:
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पहले बैंक लिखित नोटिस भेजता है।
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उसके बाद 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।
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उसके बाद ही बैंक घर, गाड़ी या अन्य गिरवी संपत्ति को बेच सकता है।
क्या करें:
अगर बैंक बिना नोटिस के आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो यह अवैध है। आप इसके खिलाफ सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं और हर्जाने की मांग कर सकते हैं।
5. रिकवरी एजेंट से परेशान हैं? ये संस्थाएं लेंगी आपकी मदद
अगर आपको लगता है कि बैंक या रिकवरी एजेंट ने आपके अधिकारों का उल्लंघन किया है, तो आप इन प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत कर सकते हैं:
a. बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र (Grievance Cell)
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हर बैंक के पास शिकायत दर्ज करने का एक निर्धारित तरीका होता है।
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30 दिनों में समाधान नहीं मिला तो अगले कदम पर जाएं।
b. RBI Ombudsman (रिज़र्व बैंक लोकपाल योजना)
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RBI ने ग्राहकों के लिए https://cms.rbi.org.in वेबसाइट पर शिकायत पोर्टल बनाया है।
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यह सेवा बिल्कुल मुफ्त है।
c. पुलिस और उपभोक्ता फोरम
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मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न की स्थिति में आप पुलिस में FIR दर्ज करा सकते हैं।
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आप Consumer Court में भी केस कर सकते हैं और मुआवज़ा मांग सकते हैं।
क्या बैंक लोन वसूलने के लिए कोर्ट जा सकता है?
हां, अगर आप लगातार लोन नहीं चुकाते हैं, तो बैंक आपके खिलाफ कोर्ट में केस कर सकता है। लेकिन:
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बैंक को आपको कानूनी नोटिस देना होगा।
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अदालत का फैसला आने से पहले आपकी संपत्ति जब्त नहीं की जा सकती।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
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लोन लेने से पहले उसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
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EMI समय पर चुकाएं। यदि आर्थिक संकट है तो बैंक को पहले से बताएं।
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Loan Restructuring का विकल्प मांगें – बैंक EMI घटा सकता है या समय बढ़ा सकता है।
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किसी भी धमकी या बदसलूकी को नजरअंदाज न करें। अपने अधिकारों को जानें और इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष: ग्राहक हैं तो अधिकार भी हैं!
Loan Recovery Rule 2025 के तहत अब ग्राहकों को सिर्फ लोन चुकाने की ही नहीं, बल्कि सम्मान से जीने की भी गारंटी मिली है। अगर कोई बैंक या उसका एजेंट आपको डराने की कोशिश करता है, तो समझिए कि वो नियम तोड़ रहा है।
अपने अधिकारों को जानना, उनका इस्तेमाल करना और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाना ही सच्चा जागरूक नागरिक होने की पहचान है।
याद रखें: बैंक से लोन लिया है, कोई गुलामी नहीं!
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