Loan EMI : होम लोन की कितनी EMI नहीं भरने पर बैंक कर देगा डिफॉल्‍टर घोषित, लोन लेने वाले जान लें नियम

आज के समय में घर खरीदने का सपना हर कोई देखता है। लेकिन बढ़ती महंगाई और सीमित आमदनी के चलते ज़्यादातर लोग अपने इस सपने को पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन लेने के बाद ग्राहक को हर महीने EMI (Equated Monthly Installment) चुकानी होती है। लेकिन कई बार आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से EMI समय पर नहीं चुकाई जाती, जिससे बैंक आपको डिफॉल्‍टर घोषित कर सकता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि होम लोन की कितनी EMI न चुकाने पर बैंक क्या कार्रवाई करता है, डिफॉल्‍टर घोषित करने की प्रक्रिया क्या होती है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।

Loan EMI : होम लोन की कितनी EMI नहीं भरने पर बैंक कर देगा डिफॉल्‍टर घोषित, लोन लेने वाले जान लें नियम

EMI क्या होती है और इसका महत्व क्या है?

EMI का मतलब है मासिक किस्त। जब आप बैंक से लोन लेते हैं, तो वह राशि आप एक साथ वापस नहीं करते, बल्कि हर महीने एक तय रकम बैंक को चुकाते हैं जिसे EMI कहते हैं। इसमें दो चीजें शामिल होती हैं:

  1. मूलधन (Principal)

  2. ब्याज (Interest)

समय पर EMI चुकाना आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को मजबूत बनाता है और भविष्य में लोन मिलने की संभावनाएं बढ़ती हैं।


कब होता है EMI डिफॉल्ट?

अगर आप किसी महीने की EMI समय पर नहीं भर पाते, तो उसे EMI डिफॉल्ट कहा जाता है।
बैंक पहली चूक को बहुत गंभीरता से नहीं लेता। लेकिन बार-बार चूकने पर स्थिति गंभीर हो जाती है।


डिफॉल्‍टर कब घोषित करता है बैंक? जानिए पूरी प्रक्रिया

1. पहली EMI बाउंस – चेतावनी

अगर आपने पहली बार EMI नहीं भरी है, तो बैंक इसे सामान्य भूल मानता है। इस स्थिति में:

  • आपको SMS, कॉल या ईमेल के माध्यम से रिमाइंडर भेजा जाता है।

  • बैंक ग्राहक से संपर्क करता है और भुगतान के लिए कहता है।

2. दूसरी EMI बाउंस – नोटिस जारी

अगर लगातार दो महीने EMI नहीं भरी जाती:

  • बैंक लिखित में नोटिस भेजता है।

  • ग्राहक को कुछ दिनों के भीतर भुगतान करने का मौका दिया जाता है।

3. तीसरी EMI न भरने पर – कानूनी नोटिस

अगर तीसरी किस्त भी नहीं चुकाई जाती:

  • बैंक आपको कानूनी नोटिस भेजता है।

  • अब बैंक इस मामले को गंभीर मानकर अगली कानूनी कार्रवाई की तैयारी करता है।

4. 90 दिन बाद – NPA घोषित

तीन महीनों तक लगातार EMI न देने पर:

  • बैंक लोन अकाउंट को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर देता है।

  • इसके बाद बैंक संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।


NPA के प्रकार – बैंक कैसे तय करता है अगला कदम

बैंक लोन को NPA घोषित करने के बाद तीन श्रेणियों में बांटता है:

1. सबस्टैंडर्ड असेट (Sub-standard Asset):

लोन खाते को NPA घोषित करने के बाद एक साल तक यही स्थिति बनी रहती है।

2. डाउटफुल असेट (Doubtful Asset):

एक साल बाद भी अगर लोन की वसूली नहीं होती तो खाता इस श्रेणी में आ जाता है।

3. लॉस असेट (Loss Asset):

जब बैंक को लगता है कि अब वसूली की कोई संभावना नहीं है, तो खाता लॉस असेट घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू होती है।


नीलामी से पहले बैंक क्या करता है?

बैंक सीधे नीलामी नहीं करता। इसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया अपनानी होती है:

  • बैंक पब्लिक नोटिस जारी करता है।

  • नोटिस में प्रॉपर्टी का विवरण, रिजर्व प्राइस, नीलामी की तारीख और समय शामिल होता है।

  • अगर उधारकर्ता को लगता है कि संपत्ति का मूल्य कम आंका गया है, तो वह आपत्ति दर्ज कर सकता है।


होम लोन EMI न भरने के क्या-क्या खतरे हैं?

  1. क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर:
    EMI बाउंस होने से आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी हो सकती है।

  2. कानूनी कार्रवाई का डर:
    तीन लगातार EMI न चुकाने पर बैंक कानूनी नोटिस भेज सकता है और कोर्ट की कार्रवाई भी शुरू कर सकता है।

  3. घर की नीलामी:
    अंत में अगर भुगतान नहीं हुआ तो बैंक आपके घर को नीलाम कर सकता है।


EMI न भर पाने की स्थिति में क्या करें?

अगर आप आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, तो घबराने की बजाय यह कदम उठाएं:

1. बैंक से बात करें:

बैंक से खुलकर अपनी स्थिति साझा करें। कई बार बैंक किस्तों में राहत देने के लिए तैयार हो जाते हैं।

2. EMI मोरेटोरियम या रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प:

आप EMI को कुछ समय के लिए स्थगित (मोरेटोरियम) करने की मांग कर सकते हैं।

3. लोन रीस्ट्रक्चरिंग:

बैंक से लोन की अवधि बढ़ाने या EMI कम करने की अपील कर सकते हैं।

4. अन्य वित्तीय स्रोत खोजें:

आप दोस्तों या परिवार से मदद ले सकते हैं, या कोई छोटा पर्सनल लोन लेकर EMI चुका सकते हैं।


EMI समय पर भरने के कुछ आसान टिप्स

  1. ऑटो-डेबिट की सुविधा लें:
    बैंक अकाउंट से ऑटोमैटिक EMI कटवाने की सुविधा लें ताकि आप भूलें नहीं।

  2. बजट बनाएं:
    महीने की शुरुआत में ही EMI के पैसे अलग रख दें।

  3. इमरजेंसी फंड बनाएं:
    3 से 6 महीनों की EMI के बराबर रकम एक अलग खाते में रखें।

  4. क्रेडिट कार्ड से EMI न चुकाएं:
    यह और ज्यादा खर्चीला पड़ सकता है। सोच-समझकर ही विकल्प चुनें।


निष्कर्ष : जानकारी और समझदारी से बचाएं अपना घर

होम लोन एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। समय पर EMI न भरने से न केवल आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ता है, बल्कि आपका सपनों का घर भी खतरे में आ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप लोन लेने से पहले ही अपने भुगतान की योजना बनाएं, बजट बनाएं और समय पर EMI भरने की आदत डालें।

अगर कभी भी संकट की स्थिति बने तो बैंक से छुपाएं नहीं, बात करें। बैंक भी यही चाहता है कि ग्राहक समय पर लोन चुकाए, इसलिए वह अक्सर सहयोग के लिए तैयार रहता है।

याद रखें, समझदारी और सजगता से ही आप अपने सपनों को सुरक्षित रख सकते हैं।

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