दिवाली 2025: रोशनी का त्योहार हमें सिखाता है 5 ज़रूरी पैसे के सबक

दिवाली — रोशनी का त्योहार — भारत का सबसे प्रिय और प्रतीक्षित पर्व है। यह सिर्फ़ पटाखों और दीयों का त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हर घर में दीप जलते हैं, मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं, और लोग नए उत्साह के साथ नई शुरुआत का स्वागत करते हैं। लेकिन दिवाली केवल उत्सव का नाम नहीं है — यह जीवन और धन प्रबंधन के गहरे सबक भी सिखाती है। जिस तरह हम अपने घरों की सफ़ाई और सजावट करते हैं, उसी तरह हम अपने वित्तीय जीवन को भी व्यवस्थित और उज्जवल बना सकते हैं। तो आइए इस दिवाली 2025 पर जानें पाँच ऐसे पैसों से जुड़े सबक , जो आपकी आर्थिक ज़िंदगी को रौशन कर सकते हैं — ताकि अगली दिवाली तक आप केवल घर ही नहीं, बल्कि अपने भविष्य को भी रोशनी से भर सकें। 1. अपने ख़र्चों की बेहतर योजना बनाएं — संतुलन ही असली रोशनी है दिवाली का मौसम खरीदारी, तोहफों, सजावट और नई चीज़ों से भरा होता है। इस दौरान खर्चा नियंत्रण से बाहर जाना बहुत आसान होता है। लेकिन जैसे भगवान राम की वापसी ने अयोध्या में संतुलन और व्यवस्था लौटाई थी, वैसे ही आपके वित्तीय जीवन में भी संतुलन ज़...